तुझे चाहते हैं बेइंतहा..

तुझे चाहते हैं बेइंतहा..

तुझे चाहते हैं बेइंतहा, पर चाहना नहीं आता.. यह कैसी मोहब्बत है, के हमें कहना नहीं आता.. ज़िन्दगी में आ जाओ हमारी ज़िन्दगी बनकर, के तेरे बिना हमें ज़िंदा रहना…
मरहम लगा सको तो..

मरहम लगा सको तो..

मरहम लगा सको तो किसी गरीब के जख्मों पर लगा देना, हकीम बहुत हैं बाजार में अमीरों के इलाज खातिर.. Marham lga sako to kisi Gareeb ke Zakhmo par lga…