हादसे इंसान के संग..

हादसे इंसान के संग..

हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे.. लफ़ज़ कागज़ पर उतर जादूगरी करने लगे.. कामयाबी जिसने पाई उनके घर तो बास गए.. जिनके दिल टूटे वो आशिक़ शायरी करने लगे...…
ज़िन्दगी बेरंग बेनूर सी..

ज़िन्दगी बेरंग बेनूर सी..

ज़िन्दगी बेरंग बेनूर सी क्यों है, ज़िन्दगी की हर ख़ुशी हमसे दूर क्यों है..? वक़्त बीत जाएगा यूँ ही इंतज़ार में लगता है, आखिर खुदा खुद में इतना मगरूर क्यों…
उसको पाना मेरी ज़िन्दगी..

उसको पाना मेरी ज़िन्दगी..

उसको पाना मेरी ज़िन्दगी का वो ख्वाब है, जिसकी मंज़िल ही नहीं रास्ता भी खराब है..!! हंसी से मेरे दर्द का अंदाज़ा मत लगाना, इस दिल का हर पन्ना दर्द…
कभी कभी ..

कभी कभी ..

कभी कभी खुद के लिए भी जीने की इच्छा होती है, पर ज़िम्मेदारियाँ उतना भी वक़्त नहीं देती है.. !! Kabhi Kabhi Khud ke liye bhi jeene ki Ichha hoti…
तनहा सा…

तनहा सा…

तनहा सा हो गया है, मेरा कमरा आजकल. एक पंखा बोला करता था, पर अब सर्दियाँ आ गई हैं.. Tanha sa ho gya hai, Mera kamra aajkal. Ek Pankhaa bola…
ना पा सकूँ..

ना पा सकूँ..

ना पा सकूँ, ना भुला सकूँ.. तू मेरी मज़बूरी सा है, तेरे बिना जी रहे हैं.. और जी भी लेंगे, फिर भी तू जरुरी सा है.. Naa Paa Saku, Naa…