मुझको छाँव में रखा..

मुझको छाँव में रखा..

मुझको छाँव में रखा, खुद जलता रहा धूप में.. मैंने देखा है एक फरिश्ता बाप के रूप में.. mujhko Chhanv mein rkha, khud jalta rha Dhoop mein.. Maine dekha hai Ek Farishta…
मैं रात भर..

मैं रात भर..

मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारों, सुबह आँख खुली तो सर 'माँ' के कदमो में था.. Main raat bhar Jannat ki Sair krta rha yaro, Subah Aankh…
देखता हु खुद को..

देखता हु खुद को..

देखता हूँ खुद को हमेशा माँ की आँखों में, यह वो आईना है जिसमे मैं कभी बूढ़ा नहीं होता || Dekhta hu khud ko hmesha Maa ki ankho mein, yeh…
maa shayari

भरे घर में तेरी आहट मिलती नहीं अम्मा

भरे घर में तेरी आहट मिलती नहीं अम्मा तेरी बाहों की नरमाहट कहीं मिलती नहीं अम्मा मैं तन पर लादे फिरता हूँ दुशाले रेशमी लेकिन तेरी गोदी की गरमाहट कहीं…

Pyar, Parwah, Shohrat Aur Samay

प्यार, परवाह, शरारत और थोड़ा समय.. यही वो दौलत है, जो अक्सर हमारे अपने हमसे चाहते हैं.. || Pyar, Parwah, Shohrat aur thoda Samay, Yahi wo daulat hai, jo aqsar…

Kisi Ko Jodne Mein

किसी को जोड़ने में इतने मगन थे हम… होश तब आया जब अपने वजूद के टुकड़े देखे || Kisi ko jodne mein itne magan thay hum... Hosh tab aaya jab…