जब तालाब भरता है..

जब तालाब भरता है..

जब तालाब भरता है तो मछलिया चींटियों को खाती हैं, और जब तालाब खाली होता है तो चींटियां मछलियों को, मौका सबको मिलता है बस अपनी बारी का इंतज़ार कीजिये..…
मुझको छाँव में रखा..

मुझको छाँव में रखा..

मुझको छाँव में रखा, खुद जलता रहा धूप में.. मैंने देखा है एक फरिश्ता बाप के रूप में.. mujhko Chhanv mein rkha, khud jalta rha Dhoop mein.. Maine dekha hai Ek Farishta…
मैं रात भर..

मैं रात भर..

मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारों, सुबह आँख खुली तो सर 'माँ' के कदमो में था.. Main raat bhar Jannat ki Sair krta rha yaro, Subah Aankh…