जलाये जो चिराग..

जलाये जो चिराग..

जलाये जो चिराग, तो अँधेरे बुरा मान बैठे.. छोटी सी ज़िन्दगी है साहेब, किस-किस को मनाएंगे हम.. Jlaaye jo Chiraag, to Andhere bura maan baithe.. Chhoti si Zindagi hai Saheb,…
तनहा सा…

तनहा सा…

तनहा सा हो गया है, मेरा कमरा आजकल. एक पंखा बोला करता था, पर अब सर्दियाँ आ गई हैं.. Tanha sa ho gya hai, Mera kamra aajkal. Ek Pankhaa bola…
ज़रूरते भी..

ज़रूरते भी..

ज़रूरते भी ज़रूरी हैं, जीने के लिए .. लेकिन तुझसे ज़रूरी तो, ज़िन्दगी भी नहीं .. Zrurte bhi Zruri hain, Jeene ke liye.. Lekin tujhse zruri to, Zindagi bhi nahi..
ना पा सकूँ..

ना पा सकूँ..

ना पा सकूँ, ना भुला सकूँ.. तू मेरी मज़बूरी सा है, तेरे बिना जी रहे हैं.. और जी भी लेंगे, फिर भी तू जरुरी सा है.. Naa Paa Saku, Naa…