Dhundna hi hai..

ढूंढना ही है तो परवाह करने वालों को ढूंढ़िये... इस्तेमाल करने वाले तो ख़ुद ही आपको ढूंढ लेंगे|| Dhundna hi hai to parwah karne walo ko dhundiye, Istemaal karne wale…

usne yeh keh ke..

उसने इतना कह के फ़ोन काट दिया, कि कोई आ गया है| मुझे आजतक समझ नही आया, घर मे या ज़िन्दगी में.. || usne yeh keh ke phone kaat diya,…

Fitrat to kuchh yu..

फितरत तो कुछ यूं भी है इंसान की, बारिश खत्म हो जाये तो छतरी बोझ लगती है || Fitrat to kuchh yu bhi hain insan ki, barish khatm ho jaye to chhatri bhi bojh…

Dard bhi wahi dete hain..

दर्द भी वही देते हैं जिन्हे हक़ दिया जाता है वर्ना गैर तो धक्का लगने पर भी माफ़ी मांग लिया करते हैं Dard bhi wahi dete hain jinhe haq diya…

Lakho sadme dhero gum..

लाखों सदमे  ढेरो  गम, फिर  भी  नहीं  हैं  आंखें  नम. इक  मुद्दत  से  रोये  नहीं , क्या  पत्थर  के  हो  गए  हम ...??? Lakho sadme dhero gum, fir bhi nahi…

Main ne sab kuchh..

मैं ने सबकुछ नज़रअंदाज़ किया हैं... वरना तुम तो मुझे कब का खो देते...!! Main ne sabkuchh nazar-andaaz kiya hai, Warna tum to mujhe kab ka kho dete..

Apnane ke liye..

अपनाने के लिये हजार खूबियाँ कम है, छोड़ने के लिये एक कमी ही काफी है।| Apnane ke liye hzaar Khubiya kam hain, Chhodne ke liye ek kami hi kafi hai.

Tod diye maine..

तोड़ दिए मैंने घर के आईने सभी, प्यार में हारे हुए लोग मुझसे देखे नहीं जाते।| Tod diye maine ghar ke Ayine sabhi, Pyar mein hare hue log mujhse dekhe…