Bahut kamzor ho gae…

बहुत  कमज़ोर  हो  गए  हो  साहिब, जो  संभाल  नहीं  पाए  दर्द | आखिर  कर  ही  लिया  मन  हल्का, गम कागज  पर  उतार  कर || Bahut kamzor ho gae ho saheb,…

Kisko kya mila

किसको  क्या  मिला  इसका  कोई  हिसाब  नहीं, तेरे पास  रूह  नहीं  मेरे  पास  लिबास  नहीं || Kisko kya mila iska koi hisaab nahi, Tere pass rooh nahi mere pass libaas…
Insaniyat ka koi Dharm nahi..

Insaniyat ka koi Dharm nahi..

इंसानियत(Insaniyat) खुद में एक धर्म(Dharm) है, इसे हम धर्म(Dharm) अलग नहीं कर सकते बिना इंसानियत(Insaniyat) के धर्म (Dharm) ऐसे है जैसे बंजर भूमि जिसमे जितना भी बीज डालते जायो खेती कभी…
क्रोध –  “क्रोध एक तरह का पागलपन है”

क्रोध – “क्रोध एक तरह का पागलपन है”

क्रोध आखिर है क्या? आइये जाने इसके बारे में मैंने बहुत बार इस बारे में सोचा के आखिर गुस्सा/क्रोध है क्या? और क्यों आज हर दूसरा तीसरा इंसान इससे परेशान…