maa shayari

भरे घर में तेरी आहट मिलती नहीं अम्मा

भरे घर में तेरी आहट मिलती नहीं अम्मा तेरी बाहों की नरमाहट कहीं मिलती नहीं अम्मा मैं तन पर लादे फिरता हूँ दुशाले रेशमी लेकिन तेरी गोदी की गरमाहट कहीं…

Kon kehta hai

कौन कहता है खुदा नज़र नहीं आता, वही नज़र आता है जब नज़र कुछ नहीं आता.. || Kon kehta hai Khuda nazar nahi ataa, wahi nazar aata hai jab nazar…