usne yeh keh ke..

उसने इतना कह के फ़ोन काट दिया, कि कोई आ गया है| मुझे आजतक समझ नही आया, घर मे या ज़िन्दगी में.. || usne yeh keh ke phone kaat diya,…

Fitrat to kuchh yu..

फितरत तो कुछ यूं भी है इंसान की, बारिश खत्म हो जाये तो छतरी बोझ लगती है || Fitrat to kuchh yu bhi hain insan ki, barish khatm ho jaye to chhatri bhi bojh…

hamara dard faila..

हमारा दर्द फैला पड़ा था कागज़ पर, जो समझा रो दिया जो ना समझा मुस्कृरा दिया|| hamara dard faila pda tha kagaz par, jo smajha ro dia jo na smjha…

Dard bhi wahi dete hain..

दर्द भी वही देते हैं जिन्हे हक़ दिया जाता है वर्ना गैर तो धक्का लगने पर भी माफ़ी मांग लिया करते हैं Dard bhi wahi dete hain jinhe haq diya…

Lakho sadme dhero gum..

लाखों सदमे  ढेरो  गम, फिर  भी  नहीं  हैं  आंखें  नम. इक  मुद्दत  से  रोये  नहीं , क्या  पत्थर  के  हो  गए  हम ...??? Lakho sadme dhero gum, fir bhi nahi…

Karwate Siskiyaan..

करवटें सिसकिया कशमकश और बेताबी, कुछ भी कहो मोहब्बत आग लगा देती है || Karwate Siskiyaan kashmkash aur Betabi, Kuchh bhi kaho Mohabbat Aag lga deti hai.

Main ne sab kuchh..

मैं ने सबकुछ नज़रअंदाज़ किया हैं... वरना तुम तो मुझे कब का खो देते...!! Main ne sabkuchh nazar-andaaz kiya hai, Warna tum to mujhe kab ka kho dete..

Yeh Intzaar khatam..

ये इंतज़ार ख़तम क्यों नहीं होता किस से पूछूं, क्या कोई मंज़िल मेरा मुक़दर है, या यही मेरी अधूरी कहानी है || Yeh Intzaar khatam kyon nahi hota kis se…

Tum achhe ho to behtar..

तुम  अच्छे  हो  तो  बेहतर, तुम  बुरे  हो तो भी कबूल. हम मिज़ाज-ऐ-इश्क़  में, ऐब-ऐ-सनम  नहीं देखा करते|| Tum achhe ho to behtar, Tum bure ho to bhi Qubool. Hum…