गुज़र जाते हैं खूबसूरत लम्हें यूं ही मुसाफिरों की तरह, यादें वहीं खडी रह जाती हैं रूके रास्तों की तरह || ---- Guzar jate hain khubsurat lamhe yu hi musafir…
दुनिया धोखा दे कर अक्लमंन्द हो गयी, और हम भरोसा करके गुनेहगार हो गए || ---- Duniya dhokha de kar aqalmand ho gai, aur hum bhrosa karke Gunehgar ho gae.
मुझे सिर्फ ज़रूरतों में याद मत किया करो, ग़लतफहमी हो जाती है, कहीं मैं खुदा तो नहीं || ---- Mujhe sirf zrurato mein yaad mat kiya karo, galatfehami ho jati…