फुर्सत में करेंगे तुझसे हिसाब, ए ज़िन्दगी! अभी तो उलझे हैं खुद को सुलझाने में... fursat mein krenge tujhse hisab, E zindagi! abhi to uljhe hain khud ko suljhane mein..
सबर कर बन्दे, मुसीबत के दिन भी गुज़र जाएंगे, हंसी उड़ाने वालो के चेहरे भी उतर जाएंगे.. Sabar kar bande, musibat ke din bhi guzar jaenge, Hansi udaane walo ke…
ढूंढा बहुत मगर कहीं महोब्बत नहीं मिली, उमीदो की रोशनी में सिर्फ ज़िन्दगी जली.. dhunda bahut magar kahi Mahobbat nahi mili umeedo ki roshani mein sirf zindagi jali.
कुछ लोग सीते हैं मेरी शायरियों से ज़ख़्म अपने, कुछ लोगो को चुभता हूँ मैं एक कांटे की तरह.. || kuchh log seete hain meri shayariyo se zakham apne, kuchh logo…
यह ज़िन्दगी है साहेब! यहाँ पीठ पीछे छुरा मारने वाले को निर्दोष और भरोसा करने वाले को दोषी मानते हैं..|| yeh zindagi hai saheb! yaha peeth peechhe chhura marne wale…